भारत में भ्रष्टाचार से निपटने में कितना कामयाब हुआ है और फिलहाल देश में इसकी क्या स्थिति है, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (सीपीआई) की साल 2022 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हो गया है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की तरफ से मंगलवार को जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोदी सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार के स्तर में 2 पॉइंट की कमी आई है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर दक्षिण एशियाई देश भ्रष्टाचार पर काबू पाने में असफल रहे हैं. CPI जीरो (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (बहुत साफ) के पैमाने पर सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के स्तरों के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों को रैंक करता . एशिया पैसिफिक का औसत लगातार चौथे साल 45 पर है, और 70 प्रतिशत से ज्याजा देशों की रैंक 50 से नीचे है.
भारत का क्या है हाल
सीपीआई की लिस्ट में भारत को 40 अंक दिए गए हैं 180 देशों की लिस्ट में 85वां स्थान दिया गया है. जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी यानी की साल 2014 में भारत को 38 पॉइंट मिले थे. ऐसे में पिछले 8 सालों में करप्शन इंडेक्स में दो पॉइंट की बढ़त मिली है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की भ्रष्टाचार की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. 27 अंकों के साथ इसे 140वें स्थान पर रखा गया है. पिछले साल भी इसे 140वें स्थान पर रखा गया था. ऐसे में भ्रष्टाचार का मामले में ये देश बिल्कुल भी नहीं बदला है. वहीं बांग्लादेश को पिछले साल 26 पॉइंट मिले थे. इस साल ये आंकड़ा गिरकर 25 पर पहुंच गया है.
10 सबसे साफ देशों की लिस्ट
वहीं सबसे साफ देशों की बात की जाए तो पहले पायदान पर 90 अंकों के साख डेनमार्क है. इसके बाद 87 अंकों के साथ फिनलैंड, 87 अंकों के साथ ही तीसरे नंबर पर न्यूजीलैंड है. इसके अलावा चौथे नंबर पर नार्वे है जिसे 84 पॉइंट दिए गए हैं. पांचवे पर सिंगापुर (83), छठे पर स्वीडन(83), सांतवे पर स्विटजरलैंड (82), आंठवे पर नीदरलैंड (80), नौंवे पर जर्मनी (79) औऱ दंसवे पर आयरलैंड (79) हैं.
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