कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक वाले बयान पर सफाई दी है। उन्होंने पूर्व सैन्य अधिकारी प्रवीण डावर के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा कि हमारे सशस्त्र बलों पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। इस सरकार की कई हरकतें संदेह खड़े करने वाली है। कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब सरकार ने नहीं दिए हैं। पूर्व सैन्य अधिकारी प्रवीण डावर के ट्वीट को दिए जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि पठानकोट जैसी घटनाएं हुई हैं, जहां आईएसआई को जांच के लिए बुलाया गया था। पुलवामा अटैक, गलवान की घटना ने इस सरकार पर कई संदेह खड़े किए हैं। रक्षा अधिकारियों से मेरे सवाल पूछने का कोई प्रश्न ही नहीं रह जाता। मेरे सवाल मोदी सरकार से है। मैं सैन्य अधिकारियों का सम्मान करता हूं। मेरी दो बहनों की शादी नेवी अधिकारियों से हुई है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहला प्रश्न- हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए और इसमें अक्षम्य इंटेलिजेंस फैल्योर के लिए कौन जिम्मेदार है? दूसरा प्रश्न- आतंकवादी 300 किलो आरडीएक्स कहां से ला सकते थे? तीसरा प्रश्न- सीआरपीएफ की ओर से सीआरपीएफ जवानों को एयरलिफ्ट करने के अनुरोधों को अस्वीकार क्यों किया गया? चौथा प्रश्न- पुलवामा के डिप्टी एसपी देविंदर सिंह को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के साथ पकड़ा था, उसे क्यों छोड़ दिया गया? पांचवां प्रश्न- पुलवामा में आतंकवादी गतिविधियां बहुत ज्यादा है तो वहां इलाके में और वाहनों की जांच क्यों नहीं की गई?
दिग्विजय के बयान से राहुल और कांग्रेस बना चुके हैं दूरी
जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक जनसभा में दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘वे सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं। वे इतने लोगों को मारने का दावा करते हैं, लेकिन कुछ सबूत नहीं दिया जाता। वे झूठ का पुलिंदा चलाकर शासन कर रहे हैं।’ इस बयान से कांग्रेस ने औपचारिक दूरी बना ली है। मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी इससे इत्तेफाक नहीं रखती। मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा कि “जो दिग्विजय सिंह ने कहा उससे मैं बिलकुल सहमत नहीं हूं। वह उनका व्यक्तिगत बयान है। हमारी आर्मी पर हमें पूरा भरोसा है। अगर आर्मी कुछ करे तो उन्हें सबूत देने की जरूरत नहीं है। उनका बयान निजी है वो हमारा नहीं है।”
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