बिहार के सीतामढ़ी जिले में सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस की गिरफ्त में आए सेक्स रैकेट के संचालक के आलावा इस गंदे धंधे ने संलिप्त तीन महिलाओं को गुरुवार को जेल भेज दिया गया है। इस प्रकरण को लेकर इंस्पेक्टर देवेंद्र प्रसाद सिंह के बयान पर नगर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। गुप्त सूचना के आधार पर नगर थाना पुलिस ने वरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में एक मकान पर छापेमारी कर पहले संचालक को धर दबोचा। उसके बाद बारी-बारी से तीन महिलाएं और दो युवतियों को पकड़ा। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर नगर थाना लेकर पहुंची और पूछताछ में जुट गई।
बताया गया है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए जीवीआई नामक एक एनजीओ काम करती है। इस एनजीओ की शाखा पूरे देश में फैली हुई है। सीतामढ़ी में भी इसकी शाखा है। संस्था के प्रतिनिधि ने एसपी को सूचना दी थी कि सीतामढ़ी शहर के अमूक मोहल्ले में एक मकान में सेक्स रैकेट का संचालन होता है। यह भी सूचना दी थी कि खुद मकान मालिक ही सेक्स रैकेट का संचालक है। यहां पर बराबर ग्राहक आते-जाते रहते हैं। दो आम लोग को ग्राहक के वेश में शहर स्थित मेला रोड में मो ईशा शाह के मकान पर भेजा गया। अंदर जाने पर दोनों ग्राहक आवाक रह गये। दोनों यह जानकर निश्चिंत हो गए कि यहां सेक्स रैकेट चलता है। फिर दोनों ने बाहर खड़ी पुलिस को सूचना दी। पुलिस छापेमारी की। इस कार्रवाई में नगर थाना की सब इंस्पेक्टर रश्मि कुमारी के आलावा बड़ी संख्या में महिला और पुरूष बल शामिल थे। पुलिस ने पहले मकान मालिक मोहम्मद ईशा शाह को दबोचा। उसके बाद अन्य कमरों की तलाशी ली। तीन महिलाएं पकड़ में आई। दो युवती भी पकड़ी गई। इन दोनों ने पुलिस को बताया है कि उससे जबरन गलत धंधा कराया जाता था।
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