November 18, 2024 | | Udyam- UP-56-0040875 |
1200x300
FB_IMG_1673241862642
previous arrow
next arrow

परीक्षा नहीं होने पर सेडिका के विद्यार्थियों ने घेरा कुलपति आवास

मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की बीएड परीक्षा न लेने से नाराज सेंट एंड्रयूज कॉलेज के विद्यार्थियों ने बृहस्पतिवार को जमकर हंगामा किया। विभागाध्यक्ष के साथ छात्र-छात्राएं गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के आवास पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। काफी मशक्कत के बाद प्राक्टर और अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने जब परीक्षा लिए जाने का आश्वासन दिया तब वे अपने कॉलेज लौटे। उधर, देर शाम मामले की जांच के लिए कुलपति ने एक जांच समिति गठित कर दी। बृहस्पतिवार से गोरखपुर विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध महाविद्यालयों की बीएड प्रथम व तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई। पहले दिन सेंट एंड्रयूज कॉलेज के बीएड प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी निर्धारित केंद्र महात्मा गांधी पीजी काॅलेज पहुंचे तो पता चला कि मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा की विश्वविद्यालय ने अनुमति नहीं दी है।

इसके बाद विद्यार्थी सेंट एंड्रयूज कॉलेज पहुंचे और वहां विभागाध्यक्ष डाॅ. रेखा रानी मिश्रा से पूरी बात बताई। छात्रों के करिअर को ध्यान में रखते हुए डॉ. रेखा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और परीक्षा देने की अनुमति दिलाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर को मामले का निस्तारण कराने को कहा। कमिश्नर ने जब कुलपति से संपर्क साधने की कोशिश की तो संपर्क नहीं हो सका। परेशान होकर विद्यार्थी कुलपति आवास पहुंच गए। उनके साथ विभागाध्यक्ष भी पहुंचीं। विद्यार्थियों ने कुलपति आवास को करीब चार घंटे घेरे रखा। मौके पर पहुंचे विश्वविद्यालय के प्राक्टर प्रो. गोपाल प्रसाद और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह ने छात्रों को पहले समझाकर उन्हें शांत कराने की कोशिश की। मगर उनके और उग्र होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जल्द परीक्षा कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद छात्र शांत हुए और अपने कॉलेज लौट गए।

घेराव के समय विभागाध्यक्ष ने बताया कि 2004 से कॉलेज में मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश हो रहा है। पहली बार इस तरह की समस्या सामने आई है कि परीक्षा नहीं कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब-जब कोई दस्तावेज मांगा, उपलब्ध कराया गया। बावजूद इसके विद्यार्थियों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिली, जो गलत है। परीक्षा पत्र जारी न करते हुए उन्हें परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अल्पसंख्यक महाविद्यालय में भी प्रवेश के बाद सभी पाठ्यक्रमों की तरह बीएड के विद्यार्थियों के प्रवेश का सत्यापन भी विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है। लेकिन, सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज द्वारा परीक्षा के एक दिन पहले, वह भी रात में बीएड के विद्यार्थियों की प्रवेश फाइल विश्वविद्यालय को भेजी गई। इसके अलावा विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत कक्षा में उपस्थिति भी महाविद्यालय द्वारा सुनिश्चित नहीं कराई गई है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि छात्रों के हितों को संरक्षित करने तथा उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया गया है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिन विद्यार्थियों का प्रवेश नियमानुसार लिया गया है, उनकी परीक्षा जल्द कराई जाएगी।

News Prasar

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.