गाजियाबाद से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां कविनगर थाने से 100 मीटर दूर एक कोठी में देह व्यापार चल रहा था। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। आरोपी ग्राहकों को व्हाट्सएप पर युवतियों की फोटो भेजते थे। इसके बाद सौदा तय होता था। पूछताछ में जानकारी मिली है कि पकड़ी गई दो युवतियां काफी समय से देह व्यापार कर रही हैं। युवतियां घर से नौकरी पर जाने की बात कहकर निकलती हैं और राधिका के साथ गिरोह में शामिल हो जाती हैं। जानकारी के अनुसार, नंदग्राम के सेवानगर की रहने वाली एक महिला ने डीलर से 10 दिन पहले ही कोठी किराये पर ली थी। महिला ने दो दिन पहले ही देह व्यापार शुरू किया। पुलिस ने गिरोह की सरगना महिला, दो युवतियां और दो ग्राहकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने मौके से हुक्का, कपड़े और आपत्तिजनक सामग्री समेत मोबाइल फोन बरामद किए हैं। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव के अनुसार, सूचना मिली थी कि एक कोठी में देह व्यापार किया जा रहा है तो उन्होंने मौके पर टीम के साथ जाकर छापा मारा। वहां पर तीन महिलाएं और दो पुरुष मिले। गिरोह की सरगना नंदग्राम के सेवानगर की रहने वाली राधिका है, जो व्हाट्सएप के जरिए देह व्यापार को संचालित कर रही थी। इनके अलावा दो युवतियां और दो ग्राहक छपरौला निवासी आशु और तुराबनगर निवासी अनमोल को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में राधिका ने बताया कि उसका पति दिल्ली में कपड़े का कारोबार करता है। ज्यादा पैसे कमाने के लिए युवतियों से संपर्क कर उसने गिरोह बनाकर कोठी को किराये पर लेकर देह व्यापार शुरू कर दिया। राधिका ने बताया कि उसने एक प्रॉपर्टी डीलर के जरिये कोठी को 20 हजार रुपये महीने पर परिवार के साथ रहने की बात कहकर किराये पर ली थी। कोठी के मालिक बाहर रहते हैं। कोठी काफी समय से बंद है। इससे किसी को शक न हो इसलिए इस हालत में कोठी को किराये पर लिया। राधिका वाट्सएप के जरिए देह व्यापार को संचालित कर रही थी। व्हाट्सएप पर युवतियों की फोटो ग्राहकों को भेजकर एडवांस बुकिंग करती है। इसके लिए पेटीएम के जरिए एडवांस रुपये भी ले रही थी। पुलिस को राधिका के मोबाइल से पिछले दो दिन की करीब 20 हजार रुपये ट्रांजेक्शन मिली है। पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य लोगों के बारे में जानकारी की जा रही है।
एसीपी ने बताया कि कोठी को किराये पर दिलाने वाले डीलर के बारे में जानकारी की जा रही है। इस बारे में जानकारी की जा रही है कि उसने किराये पर कोठी को दिलाने के दौरान उसका सत्यापन कराया या नहीं।
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