संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट 2023-24 पेश करेंगी। बजट पेश होने से एक दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अभिभाषण दे रही हैं। अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा।
संसद का बजट सत्र मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण के साथ इस सत्र की शुरुआत हुई। राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को संबोधित कर रही हैं। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को आर्थिक सर्वे पेश करेंगी। एक फरवरी सुबह 11 बजे वित्त मंत्री द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किया जाएगा। उधर, बजट सत्र को लेकर संसद में हंगामे के आसार हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने अभिभाषण के बहिष्कार करने का फैसला लिया है। बीआरएस के सांसद केशव राव ने कहा कि हम राष्ट्रपति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम लोकतांत्रिक विरोध के माध्यम से एनडीए सरकार की शासन विफलताओं को उजागर करना चाहते हैं।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ सफल अभियान
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं। देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है, एवं महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है।
किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश नहीं
मेरी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी भी काम, किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो। माइनिंग से लेकर सेना में अग्रिम मोर्चों तक, हर सेक्टर में महिलाओं की भर्ती को खोल दिया गया है। सैनिक स्कूलों से लेकर मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों में भारत की बेटियां पढ़ और ट्रेनिंग कर रही हैं। हमारी सरकार ने मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया है।
सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को नई परिस्थितियों के अनुसार आगे भी चलाने का निर्णय लिया है। यह एक संवेदनशील और गरीब-हितैषी सरकार की पहचान है। इस योजना के तहत सरकार गरीबों को मुफ्त अनाज के लिए लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। आज विश्व में इस योजना की प्रशंसा हो रही है। सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को नई परिस्थितियों के अनुसार आगे चलाने का निर्णय लिया है। यह संवेदनशील और गरीब-हितैषी सरकार की पहचान है। सरकार ने सदियों से वंचित रहे गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी समाज की इच्छाओं को पूरा कर उन्हें सपने देखने का साहस दिया है। आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है, उनके 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचाए हैं। 7 दशकों में देश में करीब सवा तीन करोड़ घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंचा था। जल जीवन मिशन के तहत 3 साल में करीब 11 करोड़ परिवार पाइप के जल से जुड़े हैं।
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