मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री ने कहा है कि परीक्षा में अच्छे नंबर पाना अच्छी बात है, लेकिन किसी बच्चे को इसके लिए बाध्य नहीं करना चाहिए। क्योंकि जिसकी जितनी शारीरिक व बौद्धिक क्षमता होगी, वह उतना परिणाम देगा। अच्छे नंबर के लिए बच्चों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो न कि उन पर दबाव बनाया जाए, यह घातक है। क्योंकि अभिभावकों, स्कूलों, प्रबंधकों के दबाव में बच्चे तनाव में आ जाते हैं। तनाव में आकर वे हतोत्साहित हो जाते हैं और परीक्षा में अपना सामान्य प्रदर्शन भी नहीं कर पाते हैं। सीएम शुक्रवार को सरोजनीनगर स्थित सैनिक स्कूल में पीएम मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने कहा कि पीएम ने तनावमुक्त परीक्षा के लिए एग्जाम वॅरियर्स किताब लिखी और वे विद्यार्थियों से परीक्षा पर चर्चा कर रहे हैं। विद्यार्थियों को परीक्षाओं को एक रूटीन वर्क के रूप में लेना चाहिए। वे तनाव मुक्त वातावरण में परीक्षा देने के लिए तैयार हों। सीएम ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की बेहतरी के लिए ऑपरेशन कायाकल्प की सराहना की।
उन्होंने कहा है कि 2017 के पहले विद्यालयों में बच्चे नंगे पैर, बिना शर्ट के आने को मजबूर थे। आज वे ड्रेस में, बैग में कॉपी-किताब लेकर स्कूल आते हैं। विद्यालयों में बदलाव का ही असर है कि आज से छह साल पहले जो स्कूल बंद होने जा रहा था, उसमें 300 बच्चे पढ़ रहे हैं। तब स्कूलों में बच्चे नहीं थे और अब बीते पौने छह साल में 60 लाख से ज्यादा नए बच्चों ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में दाखिला लिया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह उपस्थित थे।
इस अवसर पर सीएम ने हाईस्कूल व इंटर के मेधावियों को 2021.22 में हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले मेधावियों को 01 लाख रुपये, टैबलेट, प्रशस्ति पत्र और एग्जाम वॉरियर्स किताब देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आज जिन 1698 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। इनमें से 825 बालक और 873 बालिकाएं हैं। विभिन्न परीक्षाओं के हालिया परिणाम बालिकाओं की रचनात्मकता और कुछ कर गुजरने की भावना है। अभिभावक बालिकाओं को तकनीकी रूप से बेहतर बनाने के लिए उतना ध्यान नहीं देते हैं। हम प्रयास करते हैं कि उनके साथ भेदभाव न हो। उनकी स्नातक तक कि शिक्षा नि:शुल्क है तो बालिका के जन्म से आत्मनिर्भर होने तक के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
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