सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने केठीक चार माह पूरा होने पर रविवार को अखिलेश यादव ने 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। इसमें किरनमय नंदा उपाध्यक्ष और प्रो रामगोपाल यादव प्रमुख महासचिव पद पर बरकरार हैं। शिवपाल सिंह यादव एवं स्वामी प्रसाद मौर्य सहित 14 लोगों को प्रमुख महासचिव बनाया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अति पिछड़े वर्ग की भागीदारी बढ़ी है। सपा के 29 सितंबर को हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। रविवार को उन्होेंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है। वर्ष 2017 में बने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 90 फीसदी चेहरों को दोबारा मौका मिला है। इतना जरूर है कि पिछली बार 55 सदस्यीय कार्यकारिणी थी, जिसे इस बार बढ़ाकर 62 सदस्यीय किया गया है। जो लोग पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उनकेस्थान पर बसपा से आने वालों को समायोजित किया गया है। कुछ को प्रोन्नति भी दी गई है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष एवं प्रमुख महासचिव पद पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले 10 महासचिव थे, जिसे बढ़ाकर 14 कर दिया गया है। इसमें मोहम्मद आजम खां, शिवपाल सिंह यादव, रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, विशंभर प्रसाद निषाद, अवधेश प्रसाद, इंद्रजीत सरोज, रामजीलाल सुमन, लालजी वर्मा, रामअचल राजभर, जो एटोनी, हरेंद्र मलिक, नीरज चौधरी को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। अभी तक कार्यकारिणी सदस्य रहे सुदीप रंजन सेन को प्रोन्नति देते हुए राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया है। पिछली बार 10 राष्ट्रीय सचिव थे, जिसे अब बढ़ाकर 19 कर दिया गया है। इसमें डा. मधु गुप्ता, कमाल अख्तर, दयाराम पाल, राजेंद्र चौधरी, राजीव राय, रामवक्श वर्मा, अभिषेक मिश्रा, जावेद आब्दी, रमेश प्रजापति, पीएन चौहान, आकिल मुर्तजा, अखिलेश कटियार, राम आसरे विश्वकर्मा, तारकेश्वर मिश्रा, हाजी इरफान अंसारी, राजाराम पाल, त्रिभुवन दत्त, वीरपाल यादव और राममूर्ति वर्मा शामिल हैं।
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