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हाय…सब जल गया, दो जून को थी बेटी की शादी: कानपुर में खाना बनाते समय फटा सिलेंडर

कानपुर के चकेरी गंगागंज में सोमवार देर शाम खाना बनाते समय लीकेज हुए गैस सिलेंडर से झोपड़ी में आग लग गई। इसके बाद सिलेंडर फटने से तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। फिर आग ने अगल बगल की एक दर्जन झोपड़ियों को चपेट में ले लिया। जिससे उनका सबकुछ जलकर खाक हो गया। इस दौरान सबमर्सिबल, हैंडपंप आदि से आग बुझाने का शुरू हुआ। वहीं, सूचना पर 20 मिनट में पहुंची एक के बाद एक छह दमकल ने आग पर काबू पाया। लेकिन, तब तक उनका सबकुछ जलकल खाक हो गया। अपनी बर्बादी देख आंसू भी नहीं थम रहे थे। यहां आग बुझाने में एक युवक झुलस गया। उसे कांशीराम अस्पताल भेजा गया।

चकेरी पीएसी मोड़ स्थित मलिन बस्ती गंगागंज (मनोज इंटरनेशनल होटल के बगल) में एक दर्जन से अधिक परिवार झोपड़ी डालकर रहते हैं। इसमें सभी मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। सोमवार देर शाम मजदूर किशोरी की पत्नी रेखा झोपड़ी में खाना पका रही थी। इस दौरान लीकेज से सिलेंडर में आग लग गई। फिर घबराहट में वह शोर मचाते हुए बाहर भागी। इसके बाद मुहल्ले में भगदड़ मच गई। सभी बाहर की ओर भागे। देखते ही देखते सिलेंडर से उठी आग की लपटों ने झोपड़ी को चपेट में ले लिया। इसके कुछ ही देर में तेज धमाके के साथ सिलेंडर फट गया। फिर आग शानू, कृष्णावती, रानी, कुसुम, किरन, हरिकिशन आदि परिवारों के झोपड़ियों में भी आग फैल गई। इस दौरान लोगों ने अगल-बगल लगे सबमर्सिबल पंप से आग को बुझाना शुरू किया। लोग बार बार परिवार के लोगों को तलाशते रहे। डर था कि कहीं कोई अंदर न रह गया हो। साथ ही फायर ब्रिगेड को सूचना दी। इसके बाद पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग को बुझाना शुरू किया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। घटना में रेखा को बचाने में पति किशोरी झुलस गया उसे उपचार के लिए काशीराम अस्पताल भेजा गया। यहां पहुंचे दमकल कर्मियों ने पूरी सूझबूझ के साथ आग पर काबू पाया। उनका कहना है कि कोई जनहानि नहीं हुई है। यहां लोगों ने प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। दमकल अधिकारी राहुल नंदन ने बताया कि घटना में झोपड़ियां जलकर जली है। सिलेंडर लीकेज का कारण बताया जा रहा है, कोई जनहानि नहीं है। 
हाय …सब जल गया, दो जून को थी बेटी की शादी 
बिलख रहीं कुसुम ने बताया कि उसकी बेटी पिंकी की शादी दो जून को होनी है। इसके लिए धीरे-धीरे दहेज के लिए सामान जोड़ रही थी। इसमें कपड़े व अन्य सामान और नकदी भी थी। आगजनी के बाद अब खाने के लिए दाना भी नहीं बचा। अब चिंता यह सता रही है कि आखिर बेटी के हाथ कैसे पीले होंगे। इतनी जल्दी रुपयों का कहां से इंतजाम होगा।
News Prasar

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