प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष पर हमला करने के लिए पीएम मोदी ने काका हाथरसी के दोहे , बाघ और शिकारी की एक कहानी के साथ ही दुष्यंत कुमार के एक शेर का जिक्र करके विपक्ष की भावना की पोल खोली। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा हमारा देश एक विश्वास से भरा हुआ है, सपने और संकल्प लेकर चलने वाला देश है, लेकिन यहां कुछ लोग ऐसी निराशा में डूबे हैं..।
पीएम ने कहा काका हाथरसी ने बड़ी मजेदार बात कही थी- ‘आगा-पीछा देखकर, क्यों होते गुमगीन, जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन। ये निराशा भी ऐसे नहीं आई।’
पीएम मोदी ने कहानी सुनाकर साधा विपक्ष पर निशाना
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जंगल में गए दो नौजवानों की एक कहानी सुनाकर भाजपा की पूर्ववर्ती सरकारों और विपक्षी दलों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहानी सुनाते हुए कहा ‘एक बार जंगल में दो नौजवान शिकार करने गए थे और वो गाड़ी में अपनी बंदूक रखकर नीचे उतरकर टहलने लगे, लेकिन गए तो बाघ का शिकार करने थे। उन्होंने सोचा था कि आगे बाघ दिखेगा, लेकिन बाघ वहीं आ गया। अब करें क्या, उन्होंने बाघ को लाइसेंस दिखाया कि देखो हमारे पास बंदूक का लाइसेंस है। उन्होंने इसी तरह बेरोगजारी दूर करने के नाम पर कानून दिखा दिया। अपने तरीके से पल्ला झाड़ दिया।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को कांग्रेस के नेतृत्व वाली पुरानी यूपीए की सरकार के दिन याद दिलाए। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई थी, महंगाई डबल डिजिट में थी। निराशा नहीं होगी, तो क्या होगा। जिन्होंने बेरोजगारी दूर करने के वादे किए थे, वे तो घोटालों के आरोपों से ही घिरे रहे। उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास में वह सबसे ज्यादा घोटालों का दशक रहा। यूपीए के वही दस साल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर कोने में आतंकी हमलों का सिलसिला चलता रहा। चारों तरफ यही सूचना रहती थी कि अनजानी चीज को हाथ नहीं लगाना, दूर रहना। इन दस साल में जम्मू-कश्मीर से पूर्वोत्तर तक हिंसा ही हिंसा थी। भारत की आवाज ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी। ये 2जी में फंसे रहे। जब असैन्य परमाणु करार हुआ, तब ये वोट के बदले नोट में फंसे रहे। 2010 में राष्ट्रमंडल खेल हुए। भारत को दुनिया के सामने प्रस्तुत का अवसर था। फिर घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया।
उन्होंने कहा कि कोयला घोटाला भी चर्चा में आ गया था। देश पर कितने ही आतंकी हमले हुए। 2008 के आतंकी हमलों को कोई भूल नहीं सका। उनमें आंख में आंख मिलाकर हमले करने का सामर्थ्य नहीं था। आतंकियों के हौसले बुलंद होते गए। 10 साल तक खून बहता रहा। 2014 के पहले का दशक लॉस्ट डिकेड के रूप में जाना चाहिए। यह दशक इंडियाज डिकेड कहलाएगा। इस पर सदन में सांसदगण मेज थपाथपाकर ठहाके लगाकर हंसने लगे। इस बीच पीएम ने विपक्ष की ओर देखा। मेजें थपथपाए जाने पर प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि शुक्रिया शशि जी। सत्ता पक्ष के सदस्यों में से किसी ने कहा कि कांग्रेस में बंटवारा हो गया।
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