कभी एशिया के सबसे अमीर रहे उद्योगपति गौतम अदाणी दुनिया अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद विवादों में हैं। उनकी संपत्ति में लगातार गिरावट हो रही है। कभी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर रहे अदाणी रिपोर्ट आने के एक हफ्ते बाद खिसकर 16वें नंबर पर आ गए हैं। विवाद के बीच अदाणी ने बुधवार रात अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान (पूर्ण सब्सक्रिप्शन) मिल गया था।
मौजूदा समय में गौतम अदाणी कितने अमीर?
फोर्ब्स के रियल-टाइम आंकड़ों के अनुसार, 67.4 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 16वें नंबर पर हैं। शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बीच अदाणी समूह की नेटवर्थ 2023 में लगातार घटी है। गौतम अदाणी ने जुलाई 2022 में माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख बिल गेट्स को पछाड़ दिया था। पिछले साल फरवरी में गौतम अदाणी ने रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया था। अदाणी इसके साथ ही भारत के व एशिया के सबसे रईस बन गए थे। अप्रैल 2022 में अदाणी की नेटवर्थ पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गई थी। लेकिन विवादों के बीच मुकेश अंबानी, अदाणी से एक बार फिर आगे चले गए हैं। अंबानी मौजूदा समय में दुनिया के 10वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
विपक्ष की मांग- सुप्रीम कोर्ट या संसदीय समिति करे अदाणी ग्रुप पर आरोपों की जांच
कांग्रेस ने अदाणी एंटरप्राइजेज पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अदाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात करना वैसे ही है जैसे उनके ‘प्रधान मेंटर’ द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है।
अदाणी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा, ‘‘ एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद कल उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी, लेकिन कल बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड को लगता है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।’’ रमेश ने ट्वीट किया, “अदाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना। यह ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ है।” ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया है।
अदाणी प्रकरण पर संसद में विपक्ष का हंगामा, जेपीसी की मांग
अदाणी प्रकरण के बीच संसद में भी इस विपक्ष का हमला शुरू हो गया है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि एक संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई की देखरेख में इस मामले की जांच होनी चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि हम मांग करेंगे कि कथित गड़बड़ी की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए। अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “सवाल केवल एक प्रमोटर के बारे में नहीं है, बल्कि ये पूरे रेग्युलेटरी सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।”
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