भारत ने तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए तीसरे वनडे में श्रीलंका को 317 रन से हरा दिया। यह रनों के अंतर से वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले यह रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम था। उन्होंने 2008 में आयरलैंड को 290 रन से हराया था। वहीं, भारतीय टीम का पिछला रिकॉर्ड 257 रन से जीत का था, जो उन्होंने 2007 में बरमूडा के खिलाफ हासिल की थी। शानदार शतक जड़ने वाले विराट कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया। इस सीरीज में उन्होंने तीन मैचों में दो शतक की बदौलत 283 रन बनाए। इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुना गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 50 ओवर में पांच विकेट गंवाकर 390 रन बनाए थे। शुभमन गिल ने 116 रन और विराट कोहली ने 166 रन की नाबाद पारी खेली थी। जवाब में श्रीलंका की टीम ने 22 ओवर में नौ विकेट गंवाकर 73 रन बनाए। अशेन बंडारा चोटिल होने की वजह से मैदान पर नहीं आ सके। इस तरह टीम इंडिया ने 317 रन से जीत दर्ज की।
भारत ने चौथी बार श्रीलंका का क्लीन स्वीप किया
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शुभमन-रोहित ने दिलाई शानदार शुरुआत
इसके बाद कोहली ने श्रेयस अय्यर के मिलकर टीम इंडिया की पारी संभाली। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 71 गेंदों पर 108 रन की साझेदारी निभाई। इस बीच कोहली ने 85 गेंदों में शतक जड़ दिया। यह उनके वनडे करियर का 46वां शतक रहा। वनडे में सबसे ज्यादा शतक के मामले में अब कोहली सचिन तेंदुलकर से सिर्फ तीन शतक पीछे हैं। सचिन के नाम इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक का रिकॉर्ड है। उन्होंने 49 शतक लगाए थे। कोहली का यह 74वां अंतरराष्ट्रीय शतक रहा। इस मामले में भी वह बस सचिन से पीछे हैं।
कोहली 110 गेंदों में 13 चौके और आठ छक्के की मदद से 166 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं, अक्षर पटेल दो रन बनाकर नाबाद रहे। श्रीलंका की ओर से रजिता और लाहिरू ने दो-दो विकेट लिए। वहीं, करुणारत्ने को एक विकेट मिला। आखिरी पांच ओवर में भारत ने 58 रन बनाए और तीन विकेट गंवाए।
सिराज ने बरपाया कहर
भारतीय पारी के दौरान जेफरे वेंडरसे और अशेन बंडारा चोटिल हो गए थे। वेंडरसे के कन्कशन रिप्लेसमेंट के तौर पर दुनिथ वेलालगे आए थे, लेकिन अशेन बंडारा बैटिंग के लिए नहीं आ सके। ऐसे में भारत को विजेता घोषित किया गया।
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