हिन्दू धर्म में जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके बाद गरुड़ पुराण का पाठ करने से उस व्यक्ति की आत्मा को सद्गति की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। वैदिक हिन्दू धर्म में 18 पुराण और 4 वेद हैं। 18 पुराणों में गरुड़ पुराण काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। गरुड़ पुराण को विशेष दर्जा दिया जाने के कारण इसे महापुराण कहा जाता है। गरुड़ पुराण के अधिपति श्री हरि विष्णु हैं। हिन्दू धर्म में जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके बाद गरुड़ पुराण का पाठ करने से उस व्यक्ति की आत्मा को सद्गति की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे कुछ मंत्रों के बारे में बताया गया है जिसका जाप करने से रोग से मुक्ति और धन लाभ मिलता है। आइए जानते हैं क्या है वो मंत्र।
गरीबी दूर करने का मंत्र
ॐ जूं स:
ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से कुछ ही समय में गरीबी दूर हो जाती है और व्यक्ति धनवान हो जाता है। इसके अतिरिक्त गरुड़ पुराण में श्रीविष्णु सहस्त्रनाम की महिमा का उल्लेख भी मिलता है। कहते हैं यदि छह माह तक कोई व्यक्ति इस पाठ को करे तो उसके जीवन की हर बाधा दूर हो सकती है।
संजीवनी मंत्र
यक्षि ओम उं स्वाहा
गरुड़ पुराण में संजीवनी मंत्र का भी उल्लेख है। गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति इस मंत्र को सिद्ध कर लेगा वह दूसरों के जीवन में भी खुशियां ला सकता है। लेकिन पूरे नियमों को जानने के बाद संजीवनी मंत्र का प्रयोग किसी सिद्ध व्यक्ति के सानिध्य में करना चाहिए। इसके साथ ही इसका उपयोग हमेशा जगत कल्याण के लिए ही किया जाना चाहिए।
गरुड़ पुराण का महत्व
गरुड़ पुराण 18 महापुराणों में से एक है। गरुड़ पुराण में 19 हजार श्लोक हैं, जिसके सात हजार श्लोकों में जीवन से जुड़ी गूढ़ बातों को बताया गया है। इसमें ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, आत्मा, स्वर्ग और नरक का वर्णन मिलता है। गरुड़ पुराण का पाठ पढ़ने या सुनने से व्यक्ति को आत्मज्ञान सदाचार, भक्ति, ज्ञान, यज्ञ, तप और तीर्थ आदि के महत्व के बारे में पता चलता है। इसलिए हर व्यक्ति को इसके बारे में जरूर जानना चाहिए।
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